रचना प्रसाद
डिजिटल विभाजन आज के शिक्षा क्षेत्र में एक गंभीर चुनौती बन चुका है, जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान और भी अधिक गहराई से अपनी जड़ें जमाई हैं। भारत में डिजिटल संसाधनों की असमान पहुंच ने शैक्षणिक असमानता को बढ़ावा दिया है, जिससे ग्रामीण एवं कमजोर वर्गों के छात्रों की शिक्षा प्रभावित हुई है। इस शोध पत्र में डिजिटल विभाजन के प्रकार, सामाजिक कारण, और उसकी बहुआयामी चुनौतियों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही, सरकारी व निजी क्षेत्र की पहलों तथा नीतिगत सुझावों का भी समग्र विवेचन प्रस्तुत किया गया है। निष्कर्ष में यह स्पष्ट किया गया है कि डिजिटल शिक्षा को समावेशी बनाने के लिए व्यापक, सतत और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। डिजिटल समानता के बिना शिक्षा का लोकतंत्रीकरण अधूरा है और यह सामाजिक न्याय का महत्वपूर्ण पक्ष है।
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