नैनिका कुमारी
जी॰-20 ट्वेंटी का समूह (G-20) एक अंतर सरकारी मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं - अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका , तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ। जी॰-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में एशियाई वित्तीय संकट के बाद 1999 में जी॰-20 की स्थापना की गई थी। वर्ष 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर इसे राज्य/सरकार के प्रमुखों के स्तर पर अपग्रेड किया गया था, और वर्ष 2009 में, "अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच" नामित किया गया था। इस शोध लेखन में जी॰-20 की संरचना और इसके कार्य पद्धति का विवेचना किया जाएगा।
जी-20 या ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी दुनिया की बीस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जिसके नेता जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने से जुड़ी योजना बनाने के लिए जुटते हैं। हर साल एक अलग जी॰-20 सदस्य राष्ट्र सम्मेलन का अध्यक्ष होता है और वही इसका एजेंडा भी तय करता है। वर्ष 2022 सम्मेलन का अध्यक्ष राष्ट्र इंडोनेशिया था जो बाली सम्मेलन के माध्यम से विश्व का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था। इस सम्मेलन के दौरान दुनियाभर का नेता आपस में मुलाक़ात करते है और आपसी सहयोग से अन्य मुद्दों पर चर्चा होती है। भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक जी॰-20 की अध्यक्षता करेगा है। प्रतिनिधिमंडलों के 43 प्रमुख जी॰-20 में अब तक के सबसे बड़े - अगले साल सितंबर में अंतिम नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत जी॰-20 के माध्यम से वैश्विक मुद्दों और वैश्विक राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। इस शोध लेखन में भारत के समक्ष आने वाली वैश्विक चुनौतियों और इसके समाधान के उपाय का विश्लेषण होगा।
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