Red Paper
Contact: +91-9711224068
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal
International Journal of Sociology and Humanities
Peer Reviewed Journal

Vol. 7, Issue 2, Part F (2025)

दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकताः एक विश्लेषण

Author(s):

प्रियंका सिंह, सुनीता सिंह

Abstract:

दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। वे एक विलक्षण बुद्धिजीवी, सरल व्यक्ति एवं सफल नेतृत्वकर्ता थे। उनके अनुसार समाजवादी एवं पूंजीवादी दोनों ही विचारधाराएं व्यक्ति के एकांकी विकास की परिकल्पना करती हैं इसलिए उन्होंने व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए एक नई अर्थनीति एकात्मक अर्थनीति का प्रतिपादन किया। इस अर्थ नीति का तात्पर्य यह है कि यह केवल आर्थिक विषयों तक सीमित न रहकर संपूर्ण जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाने हेतु विकास के समग्र पहलुओं को निर्देशित करती है। यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा इनके आर्थिक विचारों को अनेक रूपों में कार्यान्वित किया जा रहा है। स्टार्टअप इंडिया, वोकल फार लोकल, दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, स्किल इंडिया मिशन, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आम व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किया जा रहा हैं। इस शोध पत्र में दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकता का बलिया जनपद के चयनित 250 उत्तरदाताओं के सर्वे के आधार पर प्राप्त निष्कर्षो को प्रस्तुत किया गया है।

Pages: 397-399  |  48 Views  20 Downloads


International Journal of Sociology and Humanities
How to cite this article:
प्रियंका सिंह, सुनीता सिंह. दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकताः एक विश्लेषण. Int. J. Sociol. Humanit. 2025;7(2):397-399. DOI: 10.33545/26648679.2025.v7.i2f.228
Journals List Click Here Other Journals Other Journals