शशि कुमार, शेखर कुमार
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था की सीमाओं और चुनौतियों को उजागर किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका, समन्वय क्षमता, और निर्णय प्रक्रिया पर जहाँ प्रश्न उठे, वहीं भारत ने अपनी जनसंख्या, संसाधन सीमाओं और वैज्ञानिक क्षमताओं के बावजूद प्रभावी रणनीति अपनाई। भारत ने वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति जैसे अभियानों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व का परिचय दिया। कोविड-19 के बाद भारत और WHO के बीच सहयोग और भी गहरा हुआ है, जिसमें महामारी प्रबंधन, स्वास्थ्य अनुसंधान, डिजिटल हेल्थ और स्वास्थ्य अवसंरचना के क्षेत्रों में संयुक्त प्रयास देखने को मिल रहे हैं। यह शोध-पत्र कोविड-19 के बाद भारत और WHO के बीच के संबंधों, नीतिगत सहयोग और भारत की वैश्विक स्वास्थ्य नीति में उभरती भूमिका का विश्लेषण करता है। इस शोध के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल WHO का एक सदस्य देश नहीं, बल्कि एक रणनीतिक साझेदार और नीति-निर्माण में सक्रिय भागीदार बन चुका है। कोविड-19 के अनुभवों ने यह सिद्ध किया कि स्वास्थ्य सुरक्षा केवल राष्ट्रीय चिंता का विषय नहीं, बल्कि एक वैश्विक साझी जिम्मेदारी है।
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